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Showing posts from October, 2025

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का ~ असद अली ख़ान

दिल है कि तेरी याद से ख़ाली नहीं रहता ~ज़ेब ग़ौरी

जितना देखो उसे थकती नहीं आँखें वरना~ ज़ेब ग़ौरी

ये कम है क्या कि मेरे पास बैठा रहता है~ ज़ेब ग़ौरी

मुझ को ये आरज़ू वो उठायें नक़ाब ख़ुद-असरार-उल-हक-मजाज़

बहाने और भी होते जो ज़िन्दगी के लिए

Tum haqeeqat nahin ho hasrat ho

Hairat hai tumko deke ke