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Saturday, November 1, 2025

तेरे नाम हैं रौशन रातें अपने नाम अंधेरे हैं

तेरे नाम हैं रौशन रातें अपने नाम अंधेरे हैं
सारी ख़ुशियाँ अब तेरी हैं जो ग़म हैं वो मेरे हैं

कोई तो है जिस से मिलने की आस अभी तक बाक़ी हैं
कौन है इस तपते सहरा में किन यादों के बसेरे हैं