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Saturday, April 11, 2015

Mohabbat Ki RahoN Me...A beautiful Nazm




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मुहब्बत की राहों में
मैं बिल्कुल अंजान था


और शायद तुम भी
तुमने शुरू की दोस्ती


हो गयी मुहब्बत
और फिर तुमने ही छोड़ दिया मुझे


अपने लोगों की खुशी की दुहाई देकर
तब फिर एक अच्छे दोस्त की तरह हम दोनों अलग हो गये


एक मुद्दत हुई तुमसे बातें किये हुए
मैंने तुम्हें तंग नहीं किया


और फिर तुमने कभी नहीं पूछा
आजकल हम कैसे हैं?


हद्द है
हम प्यार करने वाले भी कैसे हैं




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