waiz4u Shayari: जहाँ मिले थे बिछड़ने से एक शब पहले - कुमैल रिज़वी expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>
Powered By Blogger

Friday, April 16, 2021

जहाँ मिले थे बिछड़ने से एक शब पहले - कुमैल रिज़वी









जहाँ मिले थे बिछड़ने से एक शब पहले

उसी मक़ाम पे हम दोनों काश मर जाते

            कुमैल रिज़वी



جہاں ملے تھے بِچھڑنے سے ایک شب پہلے

اُسی  مقام پے ہم  دونوں  کاش  مر جاتے



JahaaN mile the bichhadne se ek shab pehle

Usi maqaam pe hum donoN kaash mar jaate

     Kumail Rizvi



 

No comments:

Post a Comment