के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए
तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कही
तुझे जमीं पे बुलाया गया है मेरे लिए
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के ये बदन ये निगाहें, मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे बजती हैं शहनाईयां सी राहों में
सुहाग रात है घूंघट उठा रहा हूँ मैं
सीमट रही है, तू शरमा के अपनी बाहों में
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्रभर यूही
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नजर यूं ही
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