तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है
उलझे-उलझे से ख़्यालात की कीमत क्या है
मैंने क्यों प्यार किया तुमने न क्यों प्यार किया
इन परेशान सवालात की कीमत क्या है
तुम जो ये भी ना बताओ तो ये हक़ है तुमको
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़ुल्फो-रुकसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है
तुम अगर आँख चुराओ तो ये हक़ है तुमको
मैंने तुमसे ही नहीं सबसे मुहब्बत की है
तुमको दुनिया के गम-ो-दर्द से फुरसत ना सही
सबसे उलफत सही मुझसे ही मुहब्बत न सही
मैं तुम्हारी हूँ यही मेरे लिए क्या काम है
तुम मेरे होक रहो ये मेरी क़िस्मत न सही
और भी दिल को जलाओ ये हक़ है तुमको
मेरी बात और है मैंने तो मोहब्बत की है.
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