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Tuesday, October 28, 2014

Muhabbat Karne WaloN MeiN Ye Jhagda Daal Deti Hai...Munavvar Rana

मुहब्बत करने वालों में ये झगड़ा डाल देती है
सियासत दोस्ती की जड़ में मट्ठा डाल देती है

तवायफ़ की तरह अपने गलत कामों के चेहरे पर
हुकूमत मन्दिर -ओ -मस्जिद का पर्दा डाल देती है

हुकूमत मुँह -भराई के हुनर से खूब वाकिफ़ है
ये हर कुत्ते के आगे शाही टुकड़ा डाल देती है

कहाँ की हिजरतें ,कैसा सफ़र ,कैसा जुदा होना
किसी की चाह पैरों पर दुपट्टा डाल देती है

ये चिड़िया भी मेरी बेटी से कितना मिलती -जुलती है
कहीं भी शाख -ए -गुल देखे तो झूला डाल देती है

हसद की आग में जलती है सारी रात वो औरत
मगर सौतन के आगे अपना जूठा डाल देती है
 
 
 

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