waiz4u Shayari: Raaz ye Mujhpe Aashkara hai.. expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>
Powered By Blogger

Friday, November 7, 2014

Raaz ye Mujhpe Aashkara hai..

राज़ ये मुझपे आशकारा है

इश्क शबनम नहीं शरारा है।

इक निग़ाह-ए-करम फिर उसके बाद

उम्र भर का सितम गवारा है।

रक़्स में हैं जो सागर-ओ-मीना

किसकी नज़रों का ये इशारा है।

लौट आए हैं यार के दर से

वक़्त ने जब हमें पुकारा है।

अपने दर्शन पे इक निग़ाह-ए-करम

वो ग़म-ए-ज़िन्दग़ी का मारा है।

No comments:

Post a Comment