waiz4u Shayari: Hafeez Hoshiarpuri Ghazal expr:class='"loading" + data:blog.mobileClass'>
Powered By Blogger

Tuesday, November 4, 2014

Hafeez Hoshiarpuri Ghazal

मोहब्बत करनेवाले कम ना होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम ना होंगे

ज़माने भर के ग़म या इक तेरा ग़म
ये ग़म होगा तो कितने ग़म ना होंगे

अगर तू इत्तफ़ाक़न मिल भी जाये
तेरी फुरक़त के सदमें कम ना होंगे

दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी
अगर कुछ मशवरे ब-हम ना होंगे

'हफ़ीज़' उन से मैं जितना बदगुमाँ हूँ
वो मुझ से इस क़दर ब-रहम ना होंगे


 

No comments:

Post a Comment