मोहब्बत करनेवाले कम ना होंगे
तेरी महफ़िल में लेकिन हम ना होंगे
ज़माने भर के ग़म या इक तेरा ग़म
ये ग़म होगा तो कितने ग़म ना होंगे
अगर तू इत्तफ़ाक़न मिल भी जाये
तेरी फुरक़त के सदमें कम ना होंगे
दिलों की उलझनें बढ़ती रहेंगी
अगर कुछ मशवरे ब-हम ना होंगे
'हफ़ीज़' उन से मैं जितना बदगुमाँ हूँ
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